वृन्दावन धाम में श्री कृष्ण के तो आपने कईं मंदिर देखे होंगे, लेकिंग क्या आप वृन्दावन में ही स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर गये हैं? यह मंदिर वृन्दावन के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक हैं |
दर्शन का समय
प्रात: – 06:00 AM – 01:00 PM
सायं – 04:00 PM – 08:00 PM
मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 500 मीटर
माता वैष्णो देवी मंदिर वृन्दावन – Mata Vaishno Devi Mandir
वृन्दावन के माता विष्ण देवी मंदिर में आपको माता की 141 फीट ऊँची प्रतिमा बहार से दिख जाएगी | आपको जान कर अचम्भा होगा लेकिन वर्ष 2013 में इसी प्रतिमा को भारत की सबसे ऊँची प्रतिमा के रूप में, Limca Book of Records में दर्ज किया गया था | वैसे तो माता वैष्णो देवी की असली प्रतिमा जम्मू के कटरा में स्थित है जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करने जाते हैं | पर साथ ही रिन्दवं में स्थित माता की प्रतिमा का भी बहुत महत्व है |
इस मंदिर के अनूठी बात यह है की इसे भी जम्मू के मदिर की तरह ही निर्मित किया गया है | जम्मू की पहाड़ियाँ, गुफा, और हरियाली का ख़ास ध्यान रखते हुए इस मंदिर को बनाया गया था | यह मंदिर वृन्दावन में छत्तिकरा रोड पर ही स्थित है | आप भी वृन्दावन में आयेंगे तो आपको बिना ढूंढे सडक से ही मंदिर की ऊँची प्रतिमा दिख जाएगी | मंदिर पेरिसर में घुसते ही आपको बायीं तरफ कई लाकर दिख जायेंगे जहां आप अपना सामान सुरक्षा सहायक के निगरानी में लॉकर में सुरक्षित रख सकते हैं | सहायक आपको सामान रख कर टोकन देता है जिससे दर्शन के बाद आप अपना सामान वपस प्राप्त कर सकते हैं |
मंदिर में माता वैष्णो के साथ साथ आपको हनुमान जी, माता यमुना और माता गंगा भी दर्शन देती हैं | मुख्य मंदिर माता वैष्णो देवी की प्रतिमा के ठीक निचे बनाया गया है जिसमे जाते समय भक्त मंदिर के बनने की तस्वीरें देख सकते हैं | बता दें की मंदिर अंदर से ज्यादा लुभावना लगता है | माता के नवरूपों के दर्शन कर भक्तों का यहाँ से जाना मन नही करता | मंदिर की दीवारें विभिन्न देवी देवताओं की कथाएँ और मुद्राएँ दिखाती हैं |
मंदिर में बनी गुआ आपको ठीक वैसे ही एहसास करती है, जैसे आप जम्मू की गुफा में चल रहे हो | गुफा में प्रवेश करने पर सर्वप्रथम गणेश जी भक्तों को दर्शन देते हैं जिनके बाद माता के नवरूपों के दर्शन होते हैं | गुफा से निकलने के बाद भक्त सीधे माता वैष्णों देवी के चरणों में पहुँचते हैं जहां माता अपने चरणों के दर्शन देती हैं | गुफा से निकलते समय स्वयं भैरव बाबा भी भक्तों को दर्शन दे कर कृतार्थ करते हैं | मंदिर से बाहर की ओर प्रस्थान करते समय आपको प्रसाद और माता की छवि वाला सिक्का मिलता है |
किसने कराया मंदिर का निर्माण
इस मंदिर का निर्माण 27 नवंबर 2004 में शुरू हुआ था जो 20 मई, 2010 में पूरा हुआ | मंदिर का शुरुआती प्रांगण बहुत विशाल और सुंदर दिखाई पढ़ता है | इस मंदिर का निर्माण दिल्ली के एक बड़े कारोबारी जे. सी. चौधरी ने करवाया था | वे माता के बड़े भक्त हैं और हर महीने इस मंदिर में दर्शन करने भी आते हैं | मंदिर प्रांगण में आपको हर तरफ सिक्योरिटी गार्ड नजर आएंगे जो यहां की व्यवस्था को संभालते हैं |