क्या है प्रेम मंदिर की प्रसिद्धि का कारण? Prem Mandir

Prem Mandir

ISKCON संस्था का श्री कृष्ण और भागवद गीता का प्रचार प्रसार करने में बहुत बड़ा योगदान रहा है | न केवल भारत में बल्कि पुरे विश्व में इस संस्था ने श्री कृष्ण के इतने भव्य और सुंदर मंदिर बनवाये हैं, जैसे कृष्ण बलराम मंदिर, बरसाना का कीर्ति मंदिर | मानों लगता ही नही की वे भारत में में न बनकर एक पश्चिमी देश में बने हैं | ISKCON के वैसे तो कईं मंदिर प्रसिद्ध हैं किंतु सभी में ज्यादा प्रसिद्ध है वृन्दावन का ही प्रेम मंदिर | 

प्रेम मंदिर छटीकरा से आते समय मैं रोड पर ही स्थित है जो दर्शनार्थीयों के लिए बहुत आसान रहता है |

दर्शन करने का समय

प्रात: 8:30 AM – 12:00 AM
सायं : 04:30 AM – 08:30 AM

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 4.7 KM

मंदिर दिन में तीन बार बोलता है सुबह 05:30 बजे खुलता है और भोग लगाकर पट बंद कर दिए जाते हैं | इसके बाद फिर से सुबह 8:30 पट खोले जाते हैं और आरती के बाद भोग लगा कर दोपहर 12बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं | फिर शाम 04:30 बजे मंदिर फिर से खुल जाता है और मंदिर की आरती होती है शाम 5:30 भोग लगता है और 08:10 पर शयन आरती होती है और साढ़े आठ बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं |

प्रेम मंदिर वास्तुशैली

यह मंदिर इटालियन मार्बल से बना है | इसका शिलान्यास स्वयं जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने 14 जनवरी, 2001 को किया था | मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है जिसके निर्माण कार्य में राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आये कुल 1000 शिल्पकारों ने दिन रात 11 वर्षों तक परिश्रम किया था | 

दुसरे मंदिरों की नक्काशी देखें तो पता चलेगा की निचे की तरफ थोड़ी जगह छोड़ दी जाती है किंतु प्रेम मंदिर में निचे से ही बेहद आकर्षक और सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है | प्रेम मंदिर का निर्माण 2013 में पूर्ण हुआ | बताया जाता है की यह मंदिर उस समय कुल 150 करोड़ रूपय आई थी | इस मंदिर की ऊंचाई 125 फीट की है और लंबाई 122 फीट है. वहीं मंदिर की चौड़ाई करीब 115 फीट है |

वृन्दावन का प्रेम मंदिर श्री कृष्ण और राधा रानी जी को समर्पित है जिसे हर साल लाखों लोग देखने आते हैं | मंदिर के अंदर चरों ओर अति सुदर झांकियां बनी है जो श्री कृष्ण के जीवन के अलग अलग लीलाओं को दर्शाती हैं | मंदिर में एक अति विशाल प्रेम भवन भी है जहां एक साथ 25000 भक्त मिल कर सत्संग कर सकते है |

मंदिर के प्रांगण में एक कैंटीन भी हैं जहां भक्त चाय नाश्ता कर सकते हैं | 54 एकड़ भूमि पर बना मंदिर अपना ही एक अस्पताल भी चलाता है  जिसमे साधुओं, विधवाओं और गरीबों को निःशुल्क चिकित्सा के लिए प्राथमिकता दी जाती है | अस्पताल की OPD प्रात: 7:00 बजे से 11:30 बजे तक और 12:00 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलती है |

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