20 मथुरा वृन्दावन के प्रमुख मंदिर – Famous Temples List in Mathura Vrindavan

Vrindavan

राधे राधे, कृष्ण भक्तों !!!

जैसा की हम सभी जानते हैं हमारे श्री कृष्ण उन बहुमूल्य देवताओं में एक हैं जो आज भी पूरी मानवजाति को प्रेरणा देते हैं, और साथ ही जीवन जीने का सही मार्ग भी प्रदर्शित करते हैं | उत्तर प्रदेश का पूरा मथुरा श्री कृष्ण की जीवन गाथा हम भतों को प्रदर्शित करता है | फिर चाहे हम वृन्दावन की बात करें या गोकुल की या तो हमारी राधा रानी के स्थान बरसना की | हर स्थान पर सैकड़ों प्रमाण मिलते हैं जो श्री कृष्ण और राधा रानी के बारे में हमे बताते हैं |

वृन्दावन में कुल 5000 से भी ज्यादा मंदिर हैं | जिसमें ज्यादातर मंदिरों की खोज 500 वर्षों पूर्व हुई थी जब चैतन्य महाप्रभु जी ने श्री कृष्ण से जुड़े लीला स्थल खोजने का निर्णय किया | तो आईये इस वृन्दावन मंदिर लिस्ट के माध्यम से सभी मंदिरों के बारे में जानते हैं |

इस सूचि में निरंतर ही ज्यादा मंदिरों के नाम जोड़े जायेंगे | सभी मंदिरों की जानकारी के लिए जुड़े रहें |

मदन मोहन मंदिर (Madan Mohan Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 6.5 KM

दर्शन का समय

प्रात:- 07:00 AM – 12:00 Noon
सायं – 04:00 PM – 09:00 PM

वृन्दावन में मदन मोहन मन्दिर का इतिहास सबसे पुराना इतिहास में से एक हैं | मान्यता है की इस मन्दिर के विग्रह (मूर्ति) का निर्माण स्वयं भगवान श्री कृष्ण के प्रपोत्र वज्रनाभ ने करवाया था | एक समय बाद प्रतिमा खो गयी | फिर 15वीं शताब्दी में कहीं अद्वैत आचार्य जी ने मदन मोहन की मूर्ति की खोज की | उन्होंने विग्रह की पूजा का जिम्मा अपने शिष्य पुरूषोत्तम चौबे को सौंपा | तभी से मदन मोहन विग्रह की पूजा अर्चना नित्य रूप से की जाने लगी |

और जानें – मदन मोहन मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी (Madan Mohan Mandir)

बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 6.5 KM

दर्शन का समय

प्रात:- 07:45AM – 12:00AM
सायं – 05:00PM – 09:30PM

बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन में स्थित सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है | साथ ही श्री कृष्ण को समर्पित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है | यह मंदिर का इतिहास संगीत सम्राट तानसेन के गुरु, स्वामी हरिदास से जुड़ा है जो भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानते थे | यहाँ इस मंदिर में भक्तों को राधा कृष्ण के विग्रह में उनके मिले हुए रूप के दर्शन होते हैं जो स्वामी हरिदास को स्वयं श्री क्रष्ण और राधा रानी ने प्रकट हो कर उन्हें दी थी |

और जानें – बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir) – यहाँ से भक्तों के साथ चल देते हैं भगवान

श्री राधा वल्लभ मंदिर (Radha Vallabh Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 7.5 KM

दर्शन का समय

प्रात:- 09:00 AM – 12:00 Noon
सायं – 05:00 PM – 09:00 PM

विश्व प्रसिद्ध श्री राधा वल्लभ लाल जी मंदिर बांके बिहारी जी मंदिर से केवल 350 मीटर की दुरी पर स्थित है | इस मंदिर की स्थापना श्री हरिवंश जी ने की थी | इस मंदिर के लिए मुगल सम्राट अकबर ने 120 बीघा ज़मीन दी थी | राधा वल्लभ मंदिर पारंपरिक उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला को प्रदर्शित करता है | जब औरंगजेब ने सभी मंदिरों को तबाह करने का आदेश दिया तब मंदिर के विग्रह को रातों रात राजस्थान के भरतपुर जिले के कामवन में स्थानान्तरण किया गया | हालात अच्छे होने पर वापस विग्रह को वृन्दावन स्थापित कर दिया गया |

और जानें – श्री राधावल्लभ मंदिर कथा एवं महत्व

राधा दामोदर मंदिर (Radha Damodar Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 5km

दर्शन का समय

प्रात:- 04:30 AM – 1:00 PM
सायं – 04:30 PM – 09:00 PM

राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के प्रमुख सात गोस्वामी मंदिरों में से एक है | यहाँ एक शिला है जो की स्वयं श्री कृष्ण के उनकी बंसी और गाय के पदचिन्ह है | यह शिला स्वयं श्री कृष्ण ने प्रकट होकर सनातन गोस्वामी जी को दी थी ताकि वे वृधावस्था में पुरे गिरिराज पर्वत की परिक्रमा न कर के इसकी परिक्रमा करें | प्रचलित मान्यताओं के अनुसार राधा दामोदर मंदिर की चार परिक्रमा गोवर्धन पर्वत की एक परिक्रमा के बराबर होती है | 

और जानें – राधा दामोदर मंदिर – 500 साल पहले यहाँ बालरूप में प्रकट हुए थे श्री कृष्ण

प्रेम मंदिर (Prem Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 4.7 km

दर्शन का समय

प्रात:- 8:30 am – 12:30 Noon
सायं – 4:30 pm – 8:30 pm

वृन्दावन स्थित प्रेम मंदिर पुरे विश्व में अपनी सुन्दरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध (Famous temple in Vrindavan) है | जगदगुरु कृपालु जी महाराज ने इस मंदिर का निर्माण कराया था | इस मंदिर के हर स्तम्भ को राधा कृष्ण की अलग अलग लीलयों को दर्शाने के लिए तराशा गया है | इस मंदिर में प्रतिदिन रात के समय सुंदर रौशनी से इस मंदिर को और मनमोहक बनाया जाता है | यहाँ रात के समय जल प्रदर्शिनी भी होती है जिसके साथ भक्त यहाँ निर्मित कईं झाकियों को भी देखते हैं |

और जानें – क्या है प्रेम मंदिर की प्रसिद्धि का कारण? Prem Mandir

निधिवन मंदिर एवं रंग महल (Nidhivan & Rang Mahal)

Rang Mahal
Rang Mahal | रंग महल

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 4 KM

निधिवन दर्शन का समय
प्रात: – 05:00 AM – 01:00 PM
सायं – 03:00 PM – 07:00 PM

निधिवन मंदिर के बारे में कौन नहीं जानता | यह मंदिर कलयुग में भगवान के पधारने और रासलीला करने का प्रमाण है | निधिवन में स्थित रंग महल में प्रतिदिन श्री कृष्ण के द्वारा राधा रानी जी का श्रृंगार होता है | और साथ ही मंदिर के कपाट तालों से बंद किये जाने पर भी रखे गये श्रृंगार की सामग्री और दातुन, पान इत्यादि किसी के उपयोग किये जाने के प्रमाण मिलते हैं | प्रात:रंग महल के दर्शन प्राप्त करने वालों को बहुत भाग्यशाली माना जाता है |

और जानें – निधिवन के कुछ रहस्य जो आज भी नहीं सुलझे (Nidhivan Mysteries)

गोविन्द देव जी मंदिर (Govind DevJi Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 7.0 km

प्रात:- 04:30 AM – 12:30 PM
सायं – 05:30 PM – 09:00 PM

लाल बलुआ पत्थर से बना गोविन्द देव जी मंदिर बहुत ही आकर्षक है | यह एक हवेली के रूप में बनाया गया है। इस इमारत में हिंदू और अरबी स्थापत्य शैली का मिश्रण है। पहले यह मंदिर 7 मंजिलों का हुआ करता था लेकिन औरंगजेब ने इसे तुड़वाकर मिले पत्थरों से कृष्ण ज्न्म्बूमी मस्जिद का निर्माण करवाया | यह मंदिर का विग्रह श्री रूप गोस्वामी जी को प्राप्त हुआ था जिसके बाद यह मंदिर बना |

और जानें – श्री गोविन्द देव जी मंदिर – रात में भी आगरा से दीखता था

कृष्ण बलराम (ISKCON) मंदिर (Krishna Balram Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 7.0 km

दर्शन का समय 4:10 am – 9:00 pm

कृष्ण भक्तों में ISKCON मंदिर एक बड़ा आस्था का केंद्र है | यह मंदिर 1975 में बनाया रमण रेती के पास बनाया गया था | ISKCON संस्था के अनुयायियों के बीच यह मंदिर बहुत मान्यता रखता है | मान्यता के अनुसार यह मंदिर (Famous temple in Vrindavan) उसी स्थान पर है जहां कृष्ण बलराम अपनी गांए चराने आया करते थे | ISKCON के उपदेश और प्रथाओं को आज से लगभग 550 वर्ष पहले श्री चैतन्य महाप्रभु ने शुरू किया था | इसके बाद पूरे संसार में श्री कृष्ण भक्ति का प्रचार प्रसार भक्तिवेदांत श्रील प्रभुपाद जी ने किया था |

और जानें – कृष्ण बलराम मंदिर है ISKCON का सबसे पहला मंदिर

कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर (Katyayani Shaktipeeth Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 9.5 km

दर्शन का समय

प्रात:- 7:00 am – 11:00 am
सायं – 5:30 pm – 8:00 pm

कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर वह स्थान है जहां माता सती के केश आकर गिरे थे | यह तब की बात है जब भगवान शिव माता सती ने अग्नि में देह त्याग किया था | तब भगवान शिव शोक के कारण तांडव करने लगे | तांडव से धरती हिलने लगी, तब विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के कईं टुकड़े किये | तब कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर की स्थान पर ही माता सती के केश गिरे थे | माता कात्यायनी श्री कृष्ण की कुलदेवी भी हैं | मामा कंस का वध करने पहले श्री कृष्ण ने इसी स्थान पर बालू से माता की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना की थी | यहाँ देवी माँ के आशीर्वाद से युवक युवतियों को एक उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है | 

और जानें – कात्यायनी शक्तिपीठ | Katyayani Shakti Peeth Timings & Katha

राधा रमण मंदिर (Radha Raman Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 10 km

दर्शन का समय

प्रात:- 9:00 am – 12:00 am
सायं – 5:30 pm – 9:00 pm

वृन्दावन के सभी क्रिसन मंदिरों में राधा रमण मंदिर एक अलग स्थान रखता है | लोगों की मानें तो इस मंदिर का विग्रह (मूर्ति) अपने आप प्रकट हुई थी | इस मंदिर में पीछे 450 सालों से सिर्फ मंत्रों द्वारा जलाई गयी अग्नि का प्रयोग होता है | फिर चाहे वह अग्नि दीपकों में उपयोग हो या प्रसाद बनाने के लिए | इस प्रतिमा में न कोई जोड़ है और न ही प्रतिमा तराशने का कोई निशान | इसकी स्थापना आज से करीब 500 साल पहले चैतन्य महाप्रभु के शिष्य गोस्वामी गोपाल भट्ट जी ने की थी।

और जानें – श्री राधा रमण मंदिर (Radha Raman Mandir) – 475 सालों से जल रही है गोस्वामी जी की भट्टी

रंग जी मंदिर (Ranganath Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 9.7 km

दर्शन का समय

प्रात:- 7:00 am – 12:00 am
सायं – 4:00 pm – 8:00 pm

मंदिर की बनावट द्रविड़ शैली के लिए जानी जाती है | जिसमें एक गोपुरम है जो दक्षिण भारत के मंदिरों की याद दिलाता है। भगवान रंगनाथ के ठीक सामने एक 60 फीट ऊँचा और लगभग 20 फीट भूमि के भीतर धँसा हुआ तांबे का एक ध्वज स्तम्भ बनाया गया। मान्यता है की यहाँ के कभी यहाँ के मुनीम ने धर्म में बाधा डाली थी, तो उनकी वज्रपात बिजली गिरने से मृत्यु हुई उनके बच्चे आज भी है क्या 101 दीप का भोग लगाते हैं | 

और जानें – रंगनाथ मंदिर वृंदावन | Rangnath Temple Vrindavan – Timings & History

श्री राधा गोपीनाथ जी मंदिर (Radha Gopinath Mandir)

दर्शन का समय

प्रात: – 5:00 AM – 12:30 PM
सायं – 4:00 PM – 9:00 PM

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 9 KM

लाल पत्थर से बना राधा गोपीनाथ मंदिर चैतन्य महाप्रभु के अनुयायियों में से एक मधु पंडित ने करवाया था | इस मंदिर का विग्रह का निर्माण श्री कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था | मुगल आक्रमण के दौरान इस मंदिर के विग्रह को राजस्थान के काम्यवन और उसके बाद जयपुर लाया गया था। इस मंदीर की गिनती गिनती वृंदावन के सप्तदेवालयों में से एक में होती है।

और जानें – श्री राधा गोपीनाथ जी मंदिर का है 5000 साल पुराना इतिहास

गीता मंदिर (Geeta Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 7.7 km

दर्शन का समय
प्रात:- 5:00 AM – 12:00 Noon
सायं – 2:00 PM – 8:30 PM

यह मंदिर अपने गीता स्तम्भ के लिए बहुत प्रसिद्ध है जिसपर पूरी भगवद गीता लिखी हुई है | इस मंदिर में श्री हरि गोविंद सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं, उनके साथ श्री हरी विष्णु जी, लक्ष्मी जी के साथ साथ श्री सीता और राम जी विराजमान है | मंदिर के ठीक सामने गुरुदेव जी की प्रतिमा है जिसमें श्री गुरुदेव जी श्री हरि के सामने हाथ जोड़कर विराजमान हैं |

प्रियकांत जू मंदिर (Priyakant Ju Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 1.5 km

दर्शन का समय
प्रात: – 8:30 AM – 12:00 Noon
सायं – 4:00 PM – 9:00 PM

श्री कृष्ण और राधारानी के प्रेम को दर्शाता हुआ यह एक अनोखा मंदिर है | इस मंदिर का निर्माण श्री देवकीनंदन ठाकुर जी ने 2009 में बनवाया था जो की 2012 में बन कर तैयार हुआ | मंदिर की 125 फीट की है जो की एक कमल के पुष्प समान दीखता है | यह मंदिर वृन्दावन की और आती मैन रोड पर ही स्थित है जिसमे सुन्दरता बढाने के लिए 2 फव्वारे भी लगाये गये हैं |

और जानें – प्रियकांत जू मंदिर – देवकी नन्दन ठाकुर जी द्वारा राधा कृष्ण को समर्पित मंदिर

Hindu Temple for Home

माता वैष्णों देवी मंदिर (Mata Vaishno Devi)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 500 मीटर

दर्शन का समय
प्रात: – 06:00 AM – 01:00 PM
सायं – 04:00 PM – 08:00 PM

वृन्दावन में आगमन होते ही चट्टीकरा रोड पर सभी कृष्ण भक्तों को माता वैष्णों देवी का मंदिर अवश्य ही दीखता है | यह मंदिर जितना सुंदर बहार से है उतना ही अंदर से भी है | यह मंदिर कटरा की प्रेरणा ले कर बनाया गया है | इस मंदिर में मुख्य मंदिर के साथ 2 गुफाएँ भी हैं जिनमे भक्त माता के नवरूपों के दर्शन करते हैं | यह मंदिर दिल्ली के प्रिसद्ध कारोबारी जे. सी. चौधरी ने बनवाया था | जिन्होंने आकाश इंस्टिट्यूट की शुरुआत की थी | 

और जानें – माता वैष्णो देवी मंदिर वृन्दावन की सुन्दरता है अनूठी (Vaishno Devi Mandir)

चीर घाट (Cheer Ghat)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 8 km

चिर घाट वही स्थान है जहां मान्यता है, की यहाँ श्री कृष्ण ने अपने बचपन में गोपियों को शिक्षा देने के लिए उनके वस्त्र चुरा कर वृक्ष पर टांग दिए थे | वह वट वृक्ष आज भी चीर घाट पर देखने को मिल जायेगा | आज हर युवती यहाँ आकर मनोकामन मांगती है की, जिस प्रकार कृष्ण ने गोपियों की रक्षा की उसी प्रकार वे उनके और उनके परिवार के सम्मान की रक्षा करेंगे |

और जानें – चीर घाट Cheer Ghat – जहां श्री कृष्ण ने टाँगे थे स्नान करती गोपियों के वस्त्र |

गोपेश्वर महादेव मंदिर (Gopeshwar Mahadev Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 10 km

दर्शन का समय

प्रात:- 05:00 AM – 12:00 Noon
सायं – 05:00 PM – 08:30 PM

यह मंदिर श्री कृष्ण की महारास और उसमें महादेव की उपस्थिति का प्रमाण है | यह मन्दिर पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा मन्दिर है जहां महादेव का एक स्त्री की भांति 16 श्रृंगार किया जाता है | इस मंदिर में भगवान् महादेव एक गोपी के रूप में विराजमान हैं | यहाँ महादेव भगवान श्री क्रष्ण के महारास में एक गोपी बनकर आये थे | तभी से उनका इस मंदिर में एक स्त्री की भांति 16 श्रृंगार और पूजन होता है | यह एकमात्र मंदिर है, जहां माता पारवती महादेव के साथ नही बल्कि उनसे दूर स्थित हैं |

और जानें – 5000 साल पुराना गोपेश्वर महादेव मंदिर में महादेव करते हैं 16 श्रृंगार

शाहजी मंदिर (ShahJi Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 9.5 km

दर्शन का समय

प्रात:- 8:00 am – 11:00 am
सायं – 5:30 pm – 7:30 pm

शाहजी मन्दिर अपनी राजस्थानी, इटालियन और बेल्जियम वास्तुकला बहुत प्रसिद्ध है | इस मंदिर को टेढ़ खम्बा मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि आगे की ओर इस मंदिर में कईं टेढ़े स्तम्भ हैं जो काफी अच्छे दीखते हैं | इस मंदिर में बना बसंती कमरा भक्तों को काफी आकर्षित करता है क्योंकि उस कमरे को सुंदर लालटेन,आईने, सोना, चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है | यह कमरा हर वर्ष 2 बार खोला जाता है | यह कमरा केवल बसंत पंचमी और सावन के महीने में 11 शयनी एकादशी के दिन खुलता है |

और जानें – क्यों शाहजी मंदिर को कहा जाता है टेढ़ा खम्बा मन्दिर?

जयपुर मंदिर (Jaipur Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 7.9 km

दर्शन का समय

प्रात:- 7:00 AM – 12:00 PM
सायं – 4:00 PM – 9:00 PM

वृन्दावन में स्थित जयपुर मंदिर ब्रज का सबसे बढ़ा मंदिर है | इसका निर्माण महाराज माधव सिंह ने अपने गुरु ब्रह्मचारी के कहने पर करवाया था जिसे बनने में पुरे 40 वर्ष लगे थे | मन्दिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली को दर्शाती है | इस मन्दिर के निर्माण के लिए राजा ने ख़ास तौर से एक रेलपथ का निर्माण करवाया था ताकि मंदिर तक पत्थर लायें जा सकें |

और जानें – जयपुर मन्दिर (Jaipur Mandir) के लिए कराया गया ख़ास रेलपथ का निर्माण

भूतेश्वर महादेव मंदिर (Bhuteshwar Mahadev Mandir)

मेरो वृन्दावन एंट्री पॉइंट से दुरी – 9.7 km

दर्शन का समय

प्रात:- 5:30 AM – 01:00 PM
सायं – 4:30 PM – 10:30 PM

मथुरा के कोतवाल खे जाने वाले महादेव के 4 मंदिर इतिहास में बहुत मान्यता रखते हैं | इनमे से भूतेश्वर महादेव का मंदिर पश्चिम की ओर बना है | यहाँ महादेव के चारों मंदिर ब्रज की रक्षा द्वापरयुग से करते आ रहे हैं | श्री कृष्ण और उनकी लीलाओं के पूर्ण दर्शन के लिए स्वयं महादेव ने यहाँ भूतेश्वर भगवान का रूप लिया था | भक्तों को बता दें की भूतेश्वर जी भूतों के भी भगवान हैं | यह माता कात्यायनी मंदिर के ठीक समीप है, जो की 51 शक्तिपीठों में से एक है | यहाँ पर माता सती के केश गिरे थे |

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