Katyayani Mandir Vrindavan – यह है श्री कृष्ण की कुलदेवी का मंदिर

Katyayani Mandir Vrindavan

वृन्दावन में जितना महत्व श्री कृष्ण का है उतना ही महादेव का भी है | वृन्दावन में कईं ऐसे मंदिर हैं जो श्री कृष्ण को समर्पित हैं किंतु महादेव को समर्पित मंदिरों की संख्या भी काफी अधिक है | इनमे से एक उमा शक्ति पीठ भी है जो की देवी उमा (पार्वती) और महादेव को समर्पित है | 

वृन्दावन में कात्यायनी माता मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर के निकट ही स्थित है जो की मथुरा के कोतवाल के नाम से भी जाने जाते हैं |

कात्यायनी मंदिर दर्शन Timings

Morning Darshan Timings7:00 am – 11:00 am
Evening Darshan Timings5:30 pm – 8:00 pm
AddressBhaktivedanta Swami Marg, Goda Vihar, 
Vrindavan, Uttar Pradesh, India – 281121
LocationOpen in Google Maps

कात्यायनी मंदिर इतिहास – Katyayani Mandir History 

मान्यता है की जब प्रजापति दक्ष की आयोजित यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित का करने की दुःख में माता सती ने उसी यज्ञ की अग्नि में अपना देह त्याग कर दिया | इसके वियोग में भगवान शिव तांडव करने लगे | शिव के तांडव से खिन संसार खत्म न हो जाये, उससे बचने के लिए, भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए | माता सती के शरीर के टुकड़े कईं जगह गिरे | तभी वे सभी स्थान शक्तिपीठ के नाम से जाने जाते हैं | उस दौरान माता के केश वृन्दावन में ही आकर गिरे | तभी से यह स्थान कात्यायनी माता शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है |

गीता के अनुसार द्वापरयुग में भी, राधा रानी ने गोपियों के साथ श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए कात्यानी पीठ की पूजा की थी | माता ने उन्हें वरदान दे दिया | लेकिन भगवान एक और गोपियों अनेक? ऐसा संभव नहीं था | इसलिए भगवान कृष्ण ने वरदान को साक्षात करने के लिए महारास किया | और सभी ब्रजांगनायों से विवाह किया |

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माता कात्यायनी हैं श्री कृष्ण की कुलदेवी

भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने से पहले यमुना किनारे माता कात्यानी को कुलदेवी मानकर, बालू से माँ की प्रतिमा बनाई थी | प्रतिमा की पूजा करने के बाद भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया था | मान्यता है की आज भी उस शक्तिपीठ में व्ही प्रतिमा है, जो श्री कृष्ण ने कंस का वध करने से पहले बनाई थी |

मन्दिर की विशेषता 

  • विवाह के इच्छुक युवक युवतियां यहाँ आचे जीवनसाथी की मनोकामना मांगने आते हैं |
  • कहा जाता है की यहाँ देवी माँ के आशीर्वाद से एक उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है | 
  • हर नवरात्रि पर इस मन्दिर में एक विशाल मेले का आयोजन भी किया है, जहां देश विदेश से भक्त आते हैं| 

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